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Bhagwat Geeta - 7
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कर्मों में कुशलता ही क्या कहलाती है?
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स्थितप्रज्ञ के लक्षण गीता के कौन से अध्याय में बताए गए हैं?
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गीता में अच्छेध किसको बताया गया है?
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जो सब जीवो के लिए रात्रि है वह किसके लिए जागने का समय बताया गया है?
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कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन? गीता के द्वितीय अध्याय का कौन सा श्लोक बताया गया है?
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जैसे जीवात्मा इस देह में बालक पन जवानी और वृद्धावस्था होती है वैसे ही अन्य किसकी प्राप्ति होती है?
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योग: कर्मसु कौशलम: योग की परिभाषा गीता के कौन से अध्याय में बताई गई है?
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जन्मे हुए की मृत्यु निश्चित है वह मरे हुए का जन्म निश्चित है गीता के द्वितीय अध्याय का कौन सा श्लोक बताया गया है?
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भगवतगीता के कौन से अध्याय को सांख्य योग का नाम दिया गया है?
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जो इसको मारने वाला समझता है तथा जो इसको मरा मानता है यह कथन किसके लिए प्रयुक्त किया गया है?
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जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्याग कर दूसरे नए वस्त्रों को धारण करता है वैसे ही पुराने शरीरों को त्यागकर कौन दूसरे शरीरों को प्राप्त करता है?
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योग का स्वभाव गीता के कौन से अध्याय में बताया गया है?
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न कभी जन्मता है ना कभी मरता है ना उत्पन्न होकर होने वाला है क्योंकि यह अजन्मा नित्य सनातन और पुरातन है यह कथन किसके लिए प्रयुक्त किया गया है?
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आत्मा का स्वरूप गीता के कौन से अध्याय में बताया गया है?
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श्रीमदभगवतगीता के दूसरे अध्याय में कितने गुणों का वर्णन किया गया है?
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संबोधी युक्त पुरुष पुण्य और पाप दोनों को इसी लोग में त्याग देता है उन से मुक्त होकर क्या करने के लिए बताया गया है?
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समत्वं योग उच्यते: यह योग की परिभाषा गीता के कौन से अध्याय में बताई गई है?
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जिस प्रकार कछुआ अपनी इंद्रियों अपने अंगों को संकुचित करके खोल देता है उसी प्रकार मनुष्य अपनी इंद्रियों को इंद्रिय विषयों से खींच लेता है यह स्थिति साधक की कैसी होती है?
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गीता के द्वितीय अध्याय के कौन से श्लोक में तीन गुणों का वर्णन किया गया है?
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